LED BULB VS TUBELIGHT इन दोनों में कौन है बेस्ट और कैसे करता है बिजली की बचत जाने क्या है वजह
LED BULB VS TUBELIGHT
सभी के घरो में बिजली से चलने वाले लाइट का इस्तेमाल करते ही है। पहले के समय में ज्यादा ट्यूबलाइट का ही इस्तेमाल करते थे। आज भी कई घरो में ट्यूबलाइट का उपयोग होता ही है। ट्यूबलाइट में भी कई वैरायटी आ गयी है यह भी घरो की शोभा बढ़ाते है। पहले के बल्ब भी साधारण हुआ करते थे। और यह दोनों कांच के बने हुआ करते थे।
ट्यूबलाइट का इस्तेमाल CFL की तरह अब कम हो गया है। ट्यूबलाइट 40 वॉट लेती है तो वहीं एलईडी बल्ब 22 वॉट में तेज रोशनी देने के लिए सक्षम होता है। बाजार में आपको 18 से 40 वॉट तक की ट्यूबलाइट मिल जाएगी। इनकी रौशनी काफी अच्छी होती है। और यह बहुत चलता है। एलईडी बल्ब दिखने में ही नहीं रोशनी भी अच्छा देता है और इससे बिजली खपत भी कम आता है।
जानिए दोनों में क्या है फर्क
यदि आप हाई क्वालिटी एलईडी ट्यूब लाइट लेने की सोच रहे हैं तो इनमें आपको अलग-अलग कॉम्बो पैक बताये जाते हैं। जिसे आप बहुत ही कम कीमत में ले सकते हैं। यह LED बल्ब ड्यूरेबल हैं। जो लंबे समय तक बेहतर रोशनी दे सकते हैं। यह हाई एनर्जी एफिसिएंट एलईडी ट्यूब लाइट है। इस ट्यूब लाइट को आप आसानी से लिविंग रूम या बेडरूम में या कही भी लगा सकते हैं। यह ड्यूरेबल बॉडी से बना हुआ है। इसमें कुल डे लाइट दी जा रही है। यह सभी लाइट ब्रांडेड है और 20 वाल्ट पावर के साथ आती हैं। यह सभी लाइट में 1 साल की वारंटी दी जाती है।
ट्यूबलाइट में लगते है चोक जानिए क्यों
ट्यूबलाइट जलने के पीछे चोक का महत्वपूर्ण काम होता है।जब हम सप्लाई को ऑन करते हैं तो शुरुआती विद्युत धारा का मान बहुत ज्यादा होता है। यह विद्युत धारा ट्यूबलाइट को खराब कर सकती है इसलिए इस विद्युत धारा के मान को कम करने के लिए चोक का उपयोग किया जाता है।
क्या LED लाइट खुद से बना सकते है ?
जी हां हम एलईडी बल्ब को खुद से भी बना सकते है आइये आज हम आपको बतायेगे की एलईडी बल्ब के लिए आपको किस सामग्री की जरुरत पड़ती है एलईडी बल्ब बनाने के लिए आपको सोल्डरिंग मशीन, स्टर, सीलिंग मशीन आदि बहुत सी चीजों को जरूरत पड़ सकती है। आपको बल्ब बनाने के लिए एक छोटे एरिया की भी जरूरत पड़ेगी। एक एलईडी बल्ब को बनाने में करीब 50 रुपये का खर्च आता है और आप इसे 100 रुपये में बेच सकते हैं। इसका बिज़नेस आप आराम से कर सकते है।
सावधान एलईडी बल्ब से हो सकता है यह नुकसान
एलईडी बल्ब जितना हमारे लिए उपयोगी है उतना ही हमारे लिए नुकसानदायक भी होता है। नीली रोशनी वाली एलईडी की वेब लेंथ सबसे कम होती है। इस वजह से फोटोन की एनर्जी ज्यादा निकलती है। और यही हमारी आंखों के लिए हानिकारक होता है। यह आँखो की रेटिना में कोशिकाओं को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं। LED की रोशनी ‘फोटो-टॉक्सिक’ होता है जो आंखों की रौशनी को भी कम कर सकता है। हलाकि कुछ लाइट की रोशनी ऐसी होती है जो नुकसान नहीं करती है।
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