Share Market:अदानी ग्रुप के झटके के बाद अब तेजी से उभर रहा है शेयर बाजार,अगले साल तक शेयर मार्केट में दिखेगा बड़ा उछाल

Rate this post

Share Market:मुंबई के एल्डर कैपिटल की इनवेस्टमेंट सलाहकार राखी प्रसाद का कहना है कि अदाणी का मुद्दा और भारतीय बाजार दोनों अलग-अलग चीजें हैं। अदाणी में आई बिकवाली भारतीय इक्विटी बाजार की कोई कोई समस्या नहीं है। क्योकि तमाम भारतीय कंपनियों के गवर्नेंस स्टैंडर्ड ग्लोबल मानकों के अनुरूप हैं। इस तरह की समस्याएं दूसरे तमाम देशों में मिलती हैं। अदाणी ग्रुप की 10 कंपनियों में आई गिरावट के चलते इन कंपनियों के मार्केट कैप में 130 अरब डॉलर की गिरावट आई है। ये भारत की ग्रोथ स्टोरी के लिए एक छोटा-मोटा झटका है।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट लंबी अवधि के नजरिए ले भारत के लिए फायदेमंद

उन्होंने आगे कहा भारत सरकार का लक्ष्य भारतीय इकोनॉमी में तेज विस्तार करके इसको दुनिया की बड़े इकोनॉमीज के मुकाबले खड़ा करना है। ऐसे में हिंडन बर्ग की रिपोर्ट भारत के कारपोरेट गर्वनेंस में खामियां पहचानने में सकारात्क भूमिका निभा सकती है। लंबी अवधि के नजरिए से देखें तो यह रिपोर्ट भारत के लिए सकारात्मक साबित होगी।

मार्क मोबियस भारत को लेकर बुलिश

मोबियस कैपिटल पार्ट्नर्स के मार्क मोबियस का कहना है कि भारतीय बाजार को लेकर और बुलिश हो गया हूं। भारत इस समय अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए काफी आकर्षक हो गया है। आगे निवेशकों को इस बात का एहसास होगा कि अदाणी का मामला भारत की लंबी ग्रोथ स्टोरी के लिए एक मामूली झटके से ज्यादा कुछ नहीं है।

पिछले महीने के अंतिम हिस्से में ब्लूमबर्ग को दिए गए इंटव्यू में मार्क मोबिस ने कहा था कि वे भारत टेक्नोलॉजी,इंफ्रा और हेल्थकेयर स्टॉक्स में और खरीदारी करना चाहते हैं। भारत का लॉन्ग टर्म आउटलुक शानदार है। निवेशकों के लिए हिंडनबर्ग की रिपोर्ट बाजार की नहीं अदाणी समूह की समस्या है।

बता दें कि हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें उसने अदाणी समूह पर शेयरों में हेराफेरी और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। वहीं, अदाणी समूह ने बार-बार इस आरोप का खंडन किया है।

ब्लूमबर्ग फंड सर्वे को नतीजे

इसी महीने Bloomberg News द्वारा करवाए गए एक सर्वे में शामिल 22 में 16 लोकल फंड मैनेजरों की राय है कि अदाणी मुद्दे के बावजूद भारतीय बाजार का आउटलुक अभी भी शानदार बना हुआ है। इनमें से सिर्फ दो फंड मैनेजर भारतीय बाजार को लेकर बियरिश थे। जबकि चार फंड मैनेजरों का रुख न्यूट्रल था। इस सर्वे में शामिल 17 फंड मैनेजरों की राय थी कि सेंसेक्स-निफ्टी इस साल की समाप्ति वर्तमान स्तरों से ऊपर करेंगे। इस सर्वे में शामिल अधिकांश फंड मैनेजर की राय थी कि अदाणी मामले से पीएम मोदी के प्रो-ग्रोथ पोलिटिकल एजेंडे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

Leave a Comment